गाँधी जी अपनी कुटिया में तीन बंदरो की मूर्ति रखते थे ।
पहले बंदर ने अपनी आँखों पर हाथ रखे हैं ; दूसरे बंदर ने अपनी
मुँह पर हाथ रखे हैं तथा तीसरे बंदर ने हाथ अपने कानों पर
रखे हैं -
ये बंदर हमे शिक्षा देते हैं -
पहला बंदर - बुरा मत देखो ।
दूसरा बंदर - बुरा मत कहो ।
तीसरा बंदर - बुरा मत सुनो ।
ये तीनों बातें सुख का मंत्र हैं । यदि तुम सुख चाहते हो , तो
इन बातों का सदा पालन करो ।
अभ्यास
(क ) पहले बंदर के हाथ कहाँ हैं ?
(ख ) दूसरे बंदर के हाथ कहाँ हैं ?
(ग ) तीसरे बंदर के हाथ कहाँ हैं ?
(घ ) कौन सी तीन बातें सुख का मंत्र हैं ?
पहले बंदर ने अपनी आँखों पर हाथ रखे हैं ; दूसरे बंदर ने अपनी
मुँह पर हाथ रखे हैं तथा तीसरे बंदर ने हाथ अपने कानों पर
रखे हैं -
ये बंदर हमे शिक्षा देते हैं -
पहला बंदर - बुरा मत देखो ।
दूसरा बंदर - बुरा मत कहो ।
तीसरा बंदर - बुरा मत सुनो ।
ये तीनों बातें सुख का मंत्र हैं । यदि तुम सुख चाहते हो , तो
इन बातों का सदा पालन करो ।
अभ्यास
(क ) पहले बंदर के हाथ कहाँ हैं ?
(ख ) दूसरे बंदर के हाथ कहाँ हैं ?
(ग ) तीसरे बंदर के हाथ कहाँ हैं ?
(घ ) कौन सी तीन बातें सुख का मंत्र हैं ?
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