जी होता चिड़िया बन जाऊँ
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ
मैं नभ में उड़कर सुख पाऊँ ।
मैं फुदक - फुदककर डाली पर ,
डोलूँ तरु की हरियाली पर ,
फिर कुतर - कुतरकर फल खाऊँ ,
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ ।
जंगल - जंगल में उड़ विचरूँ ,
पर्वत , घाटी की सैर करूँ ,
सब जग को देखूँ इठलाऊँ ,
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ ।
कितना स्वतंत्र इनका जीवन !
इनको न कहीं कोई बंधन ।
मैं भी इनका जीवन पाऊँ ,
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ ।
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ
मैं नभ में उड़कर सुख पाऊँ ।
मैं फुदक - फुदककर डाली पर ,
डोलूँ तरु की हरियाली पर ,
फिर कुतर - कुतरकर फल खाऊँ ,
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ ।
जंगल - जंगल में उड़ विचरूँ ,
पर्वत , घाटी की सैर करूँ ,
सब जग को देखूँ इठलाऊँ ,
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ ।
कितना स्वतंत्र इनका जीवन !
इनको न कहीं कोई बंधन ।
मैं भी इनका जीवन पाऊँ ,
जी होता , चिड़िया बन जाऊँ ।
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