हमारे त्योहार
जब असम की धरती पर
है पर्व बिहू का आता
कोई नाचे , कोई गाए
कोई ढोल बजाता ।
आया महीना फागुन का
आओ होली मना लें
पिचकारी में रंग भरें
मुँह पैर रंग लगा दें ।
25 दिसंबर का दिन है आया
क्रिसमस का त्योहार मनाया ।
बच्चे करते सेंटा का इंतज़ार
मिलते उन्हें ढेरों उपहार ।
नई फसल बैसाख मास में
कटकर घर जब आती
बैसाखी पंजाब प्रांत में
तभी मनाई जाती ।
चार रोज़ केरल में मनता
ओणम का त्योहार
नौका दौड़ , नृत्य - गायन की
रहती है भरमार ।
तमिलनाडु में जब आता है
पोंगल का त्योहार ,
गाय - बैलों का जुलूस निकलता
कोमल बनता हर घर - द्वार ।
जब असम की धरती पर
है पर्व बिहू का आता
कोई नाचे , कोई गाए
कोई ढोल बजाता ।
आया महीना फागुन का
आओ होली मना लें
पिचकारी में रंग भरें
मुँह पैर रंग लगा दें ।
25 दिसंबर का दिन है आया
क्रिसमस का त्योहार मनाया ।
बच्चे करते सेंटा का इंतज़ार
मिलते उन्हें ढेरों उपहार ।
नई फसल बैसाख मास में
कटकर घर जब आती
बैसाखी पंजाब प्रांत में
तभी मनाई जाती ।
चार रोज़ केरल में मनता
ओणम का त्योहार
नौका दौड़ , नृत्य - गायन की
रहती है भरमार ।
तमिलनाडु में जब आता है
पोंगल का त्योहार ,
गाय - बैलों का जुलूस निकलता
कोमल बनता हर घर - द्वार ।
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